‘संविधान पर कमल की छाप’, कहकर संसद में कांग्रेस से क्या कहने लगे जेपी नड्डा

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा आज (17 दिसंबर) सुबह 11 बजे राज्यसभा में संविधान दिवस पर बहस की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत प्रजातंत्र की जननी है.

उन्होंने कहा कि चर्चा से संविधान को मजबूती मिलती है. ऋगवेद, अर्थववेद, पुराने ग्रंथों की बात करें तो सभा, समिति, संसद शब्दों का प्रयोग हुआ है. ये इस बात को बताता है कि हमारे यहां चर्चा हमारी संस्कृति में विराजमान रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि सविंधान पर कमल की छाप है.

‘यह लोकतंत्र की जननी है’

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “ये जो त्योहार हम मनाते हैं, ये एक प्रकार से संविधान के प्रति हमारे समर्पण को, संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है… मुझे विश्वास है कि हम इस अवसर का सदुपयोग राष्ट्रीय लक्ष्य की पूर्ति में करेंगे. हम सभी जानते हैं कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है.”

‘संविधान में है कमल की छाप’

राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा, ” आजकल हम संस्कृति की बात करते हैं तो कई लोगों को तकलीफ होती है. मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि संविधान की मूल प्रति में अजंता एलोरा की गुफाओं की छाप है. कमल की भी छाप है. कमल इस बात को प्रतिलक्षित करता है कि हम दलदल से निकलकर आजादी की लड़ाई लड़कर हम नई सुबह के साथ खड़े होने को तैयार हैं.

उन्होंने आगे कहा, “हमारा संविधान भी हमें उस कमल से प्रेरणा देता है कि तमाम मुसीबतों के बावजदू हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.बाबा साहब अंबेडकर कितने दूरदर्शी थे, ये पता चलता है.”

’35 ए को लेकर साधा निशाना’

उन्होंने कहा, “आजकल लोकतंत्र की बहुत चर्चा होती है, लेकिन तब 35 ए बिना चर्चा के लागू कर दिया गया था. इससे ये डिफाइन होता था कि कौन जम्मू कश्मीर का नागरिक होगा. जो 1944 के पहले रहते थे, उसी को डोमिसाइल मिलेगी. देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान हो गए थे.